Friday, September 15, 2017

वो नज़ारा ... #fridayfotofiction

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“वो घुटनों के बल बैठा था?”



“नहीं, मैं बस नज़ारे में खोयी हुई थी और उसके उतनी सी देर में सब 

कर..मेरा मतलब पीछे से आकर बाहों में भर लिया और वो सवाल 


पूछ 
डाला. मैं न नहीं कर सकी. क्या हुआ अगर तरीका वो नहीं था. 


आखिर में ज़िन्दगी भर का नज़ारा और वो, दोनों ही मिल गए न“

मेरी छोटू पगलु बहना – छवि. इतनी आत्मनिर्भर मगर फिर भी 

मासूम. उस इश्क को ढूँढती जो किताबों में मिलता है. अविनाश के 

साथ काम करते करते हो गया. 

अवि से पूछा, “ऐसी कौनसी जगह ले कर गया था छवि को कि वो 


सब 
कुछ ही भूल गयी ?

चलिए दिखाता हूँ

नई जगह वो मुझे हाथ पकड़ कर लाया, फिर छवि का मेसेज, “भाई 

जगह पसंद आये तो गरिमा भाभी को यहीं ला कर propose करना”.


नज़ारा देखने के बाद मेरे होंठ खुद ही बोले , “ बिल्कुल”.

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Thursday, September 7, 2017

वो बरसात की रात ... #fridayfotofiction




“कर कैसे सकते थे मेरे साथ तुम? मैं होश में नहीं थी मगर तुम तो..या वासना के आगे वो भी रात की उस बारिश में सब भीग गया?” 

नेहा पार्क में सुबह लगभग चीखते हुए अक्षय से यह सवाल कर रही थी. दोनों की शादी में 5 महीने बाकी थे. एक पार्टी से लौटने में तेज़ बारिश में वो बहुत भीग गयी, उसने अक्षय को बुलाया और वो उसे अपने घर ले आया.

भीगे कपड़ों में नेहा को देख उसने वो किया जिसके लिए वो तैयार नहीं थी. ब्रांडी में नशे की गोली मिल गयी, वो सुबह फर्श पे फैले उसके कपड़ों ने बताया. जो लड़की प्यार से गालों को ही चूमने देती उसके साथ..

पार्क में अक्षय को बुलाया और दिल हल्का करने के बाद अंगूठी बेंच पे रख, धीरे धीरे कदम पीछे करने लगी. धुंधली आँखों से उसे बस अक्षय के बढ़ते हाथ की झलक ही दिखाई दी.


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Saturday, September 2, 2017

वो लाल डायरी ... #fridayfotofiction





गरिमा से शादी हुए उसे महज 4 महीने ही हुए थे , आज भी वो नताशा को भूल नहीं पाया था. वो दर्द आज भी था. गरिमा हमेशा पियानो पे एक धुन बजाया करती थी जो उसे नताशा की याद दिलाता था. 7 दिन पहले एक एक्सीडेंट में गरिमा मौत के इतने करीब पहुँच गयी कि वो सहम गया उसको खोने के डर से. घर पे कुछ सामान ढूंढ रहा था तो एक लाल डायरी हाथ लगी.

“मुझे पता है राज आज भी शायद किसी को याद करते हैं,दिल बयाँ करता है. कोशिश करुँगी को उनको इतना प्यार दूं की उनके सारे ज़ख्म भर जाएँ. वो एक दोस्त,गर्लफ्रेंड तलाश रहे थे,और मैं बीवी बन गयी उनके लिए...“

आगे पढ़ने से पहले ही उसकी आँख भर आई और अनजाने ही उसके हाथ वही धुन बजाने लगे.. तभी दरवाज़ा खुला और गरिमा अन्दर आई..वो खुली लाल डायरी सब कुछ बयान कर गयी.

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