
“वो घुटनों के बल बैठा था?”
“नहीं, मैं बस नज़ारे में खोयी हुई थी और उसके उतनी सी देर में सब
कर..मेरा मतलब पीछे से आकर बाहों में भर लिया और वो सवाल
पूछ
कर..मेरा मतलब पीछे से आकर बाहों में भर लिया और वो सवाल
डाला. मैं न नहीं कर सकी. क्या हुआ अगर तरीका वो नहीं था.
आखिर में ज़िन्दगी भर का नज़ारा और वो, दोनों ही मिल गए न“
मेरी छोटू पगलु बहना – छवि. इतनी आत्मनिर्भर मगर फिर भी
मासूम. उस इश्क को ढूँढती जो किताबों में मिलता है. अविनाश के
साथ काम करते करते हो गया.
मासूम. उस इश्क को ढूँढती जो किताबों में मिलता है. अविनाश के
साथ काम करते करते हो गया.
अवि से पूछा, “ऐसी कौनसी जगह ले कर गया था छवि को कि वो
सब
कुछ ही भूल गयी ? “
चलिए दिखाता हूँ
नई जगह वो मुझे हाथ पकड़ कर लाया, फिर छवि का मेसेज, “भाई
जगह पसंद आये तो गरिमा भाभी को यहीं ला कर propose करना”.
जगह पसंद आये तो गरिमा भाभी को यहीं ला कर propose करना”.
नज़ारा देखने के बाद मेरे होंठ खुद ही बोले , “ बिल्कुल”.