Memories

The places where moments reside

जज्बातों का पिटारा




कभी कभी दिल बहुत कुछ सोच लेता है .... यह कुछ ऐसे जज़्बात हैं जिन्होंने मुझे सोचने पे थोड़ा मजबूर किया है ... आपको क्या लगता है ?

1. रोज़ मिलते थे क्लास में उन 8 घंटों के लिये तो कभी अहमियत न समझी उन दोस्तों की आज वक्त ने दूर कर दिया है तो वही बचपन के दोस्त बहुत याद आते हैं


2. रेस्तरां में candle light डिन्नर करने वाला वो जोड़ा , घर भी power backup वाला ढूँढता है


(Valentines day पर दिखावा कर हजारों फूँक कर मोमबत्ती में खाना खाने लोग असलियत में बिना बिजली के घर में थोड़ी देर भी नहीं कुछ कर सकते. सबको power backup चाहिए)


3. दोस्ती टूटा करती थी पहले दिल तोड़ देने वाली किसी बात पे , आज वो़ 
phonebook में महज़ ' delete contact ' का yes option बन कर रह गयी है


4. सिमट गयी है दोस्ती आज facebook की likes और whatsapp के 
नम्बरों के बीच . . शुक्र हैं हमने दोस्ती अपने ज़माने में हाथ बढ़ा कर की थी.


5. यादों के बाज़ार में अच्छे अच्छे बिक जाते हैं यहाँ , खुद को गिरवी रख कर भी कोई उन्हें खरीद नहीं पाता.


6. उसके दर्द को कोई समझता नहीं , उसकी चीखों को कोई सुनता नहीं.. 

जब जिंदा थी तब परवाह नही किसी को , बाद में उसकी मौत तमाशा बन कर रह गयी है दिखावा कर मोमबत्तियाँ जलाने के लिये .

( Rape की गयी या तेज़ाब से झुलसायी लड़की की मदद करने तब कोई नहीं आता मगर उसकी मौत के बाद वही लोग दिखावे के लिए सड़कों पे मोमबत्तियां ले कर निकल पड़ते हैं उसकी मौत के बात उसकी आत्मा की शान्ति के लिए ).


7. मजबूरी में जब हाथ उठा उस पर तो उसकी आँख से कतरा गिरने से पहले ही... दिल हज़ार मौत मर गया.

( Love marriages में अगर पति गलती से भी किसी बात पर पत्नी पे हाथ उठा दे तो पत्नी की आँख से आँख से एक कतरा आँसू गिरने से पहले ही उसे कितना दर्द होता है यह वो ही जानता है ).


8. इज्ज़त के नाम पर खत्म कर दी जाती हैं बहुत सी प्रेम कहानियाँ पैदा करने वाले हाथों से ही...

शायद वो दुनिया के सामने बयान कर पाती अपने ज़ुल्मो की दास्ता की अगर हर कब्र पे इक ताज खड़ा होता.

( ताज 2 प्यार करने वालों की कब्र है . देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनको प्यार करने के लिए उनके ही घर वाले अपनी इज्ज़त के लिए मार देते हैं और किसी को पता भी नहीं चलता. अगर ऐसी हर प्रेम कहानी की कब्र पे एक अलग रंग का ताज खड़ा हो जाए तो भारत को ताज के नाम से जानने वालों के सामने इसकी असली गन्दी तस्वीर सामने आ जाएगी ) 


9. जो खाना तुमने थाली में छोड़ दिया है, किसी गरीब के लिए वो किसी छप्पन भोग से कम नहीं..


10. उसे उसके जिस्म की चाहत है कुछ यादों को भुलाने के लिये , वो सौपती है अपना जिस्म उसे अपना बनाने के लिये.. इस बीच इश्क बस सिमट कर रह गया चादर पर पड़ी उन सलवटों के बीच. . .

(एक लड़का जो अभी तक अपनी प्रेमिका को नहीं भूल पाया. एक लड़की जो चाहती है की लड़का उसे प्यार करे मगर उसे यह भी पता है की वो लड़की अभी भी उसके दिमाग में है. लड़का यादें भुलाने के लिए उस लड़की के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता है, लड़की इस चाहत में अपना जिस्म उसे सौंप देती है की शायद वो उससे प्यार करने लगे. दोनों के बीच प्यार बस उतनी ही देर बिस्तर की चादर पर सिमटा मिलता है जितनी देर वो साथ होते हैं. उसके बाद वही कहानी ).





11. अभी वक्त लगेगा माँ बाप को बच्चों के दिल की बात जानने में. . तब तक यह राज़ नानी और दादी सुना करेंगे
( अभी भी वो वक़्त नहीं आया है जब घर वाले बच्चों के दिल की बात समझ सकें).


12. Facebook , Whatsapp तो नए चोचले हैं जनाब ... आज भी बचपन में भरी वो slambook अपनी एक अलग कहानी कहती है


13. जिस कुली को तुमने नोट थमाया है, आज शायद उसने चंद पैसे घर भेजे होंगे


14. उन ठंडी दुकानों ( supermarket) में जा कर सब्जी खरीदना रईसों का शौक होगा साहब... माँ तो मेरी आज भी थैला ले कर धूप में मंडी ही जाती है


15. यह तो मजबूरी ने बारिश में रेनकोट पहनना सिखा दिया वरना ज़िन्दगी में तो हम आज भी साइकिल पे दोस्तों के साथ भीगते हुए घर पहुंचे हैं


16. शहरों में पुलों के ऊपर तो रफ़्तार भागती है , पुराना बाज़ार तो आज भी उसके नीचे ही लगता है


17. उन टकटकी लगाये निगाहों में इन्तेज़ार छुपा है

उन बेचैन निगाहों में इजहार छुपा है

दिल जो बात ना कर पाये , वो आँखों के जरिये बयान होती है

आँखो को पढ़ना सीख ले , अनकहे जज्बातों का समंदर यहीं छुपा है


18. जो संसद में 50 rs. में एक बारात जितना खाना खा जाते हैं उन्हें क्या मालूम की असल जिंदगी में भूख कितनी महँगी हो गयी है


19. हाशिये कभी कॉपी में लगा करते थे.. आज जिंदगी , प्यार , जज्बात , इंसानियत , दोस्ती सब खुद हाशिये पे आ गयी है और बीच में रह गयी है वो जगह जहाँ कलम के शब्द नही बल्कि दौलत और सिक्कों की खनक ज़्यादा चमकती है.



जज्बातों का पिटारा जज्बातों का पिटारा Reviewed by Shwetabh on 2:24:00 PM Rating: 5

2 comments:

  1. tumhari Umr kitni hai Basanti ? Yunki batein to tum bade badon jaise karti ho :)

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