Memories

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Cashback : तम्बू में ऊँट वाली हालत .... हाय राम..



जब हम छोटे थे तब एक ऊँट का किस्सा पढ़ा था की एक रेगिस्तान में रात में ठण्ड से बचने के लिए उसके मालिक ने उसे थोड़ी सी जगह दी और थोड़ी देर बाद ऊँट ने पूरे ही तम्बू पर कब्ज़ा कर लिया . अपना भी हाल कुछ ऊँट जैसा हो गया है. कुछ महीने पहले मैंने एक total तफरी वाला पोस्ट लिखा था cashkaro.com के ऊपर. हँस हँस कर उन लोगों की हालत खराब हो गयी थी. मेरी हालत भी कुछ अजीब तरीके से गड़बड़ हो गयी है. वो क्या है न कि तम्बू बम्बू की आदत लग गयी है उस ऊँट की तरह. यह पोस्ट पिछले वाले से आगे का हालिया बयान है ...

बात अब सिर्फ रिचार्ज पे कैशबैक की रही ही नहीं , अब तो पूरे शौपिंग पे Zika वायरस की तरह फ़ैल गयी है. दुनिया भर की साईट से सांठ गाँठ बनाये बैठे हैं, उस पर हर चीज़ पे अलग अलग % वापस . किताबें, इलेक्ट्रॉनिक सामान यहाँ तक की अगर रुमाल भी मंगा लूं तो भी चंद सिक्के वापस आने पक्के हैं. अब पता लग रहा है जिन लोगों को नशे की आदत हो जाती है उनके साथ क्या होता है ? यहाँ फर्क बस इतना है की अपने ही पैसे वापस लेने की लत है . मगर भाई साहब बवाल भी तो बहुत हैं खरीददारी के . इनकी साईट पे जाओ, फिर वहाँ से जिस साईट से सामान लेना है वहाँ निकलो. खरीददारी न हुई ओलिंपिक की बैटन रिले हो गयी, पहले यहाँ तक जाओ, फिर वो वहाँ ले जायेगा. हाय राम... तम्बू बम्बू की यह आदत कुछ ख़ास लोगों के बगैर नहीं लग सकती – दिल थाम के बैठो क्यूंकि अब आगे वाले कुछ नाम लड़कियों के हैं. दो से बहुत पाला पड़ता है भले ही अभी तक मुलाकात नहीं हुई . 

तो सबसे पहले पेश हैं - आकांशा. ये ही हैं Twitter Queen इस कंपनी की ( जिन लोगों ने मेरा पहला पोस्ट पढ़ा होगा उन्हें कुछ कुछ याद होगा इस ज़िक्र का ). मुझे तो ऐसा लगता है जैसे बैंक वालों की तरह एक पर्सनल अकाउंट मेनेजर मिल गया है. यह जिस तरह से अकाउंट संभालती है वो तो उफ्फ ही है. पांच मिनट में फटाफट सब चेक करके समझ जायेंगी की बात किस पैसे की हो रही है. आकांक्षा के अकाउंट संभालने के दूरगामी परिणाम होते हैं. काफी बार यह छुट्टी पे गयी और मेरी धड़कन रुक गयी कि लो लटक गया मामला. Cashkaro वालों की तरफ से जवाब आता भी कि किसी और से बात करा दें तो मेरा जवाब होता है “ नहीं.. मुझे उसी से करनी है. जब वापस आये तो कहना प्लीज कॉल कर ले”. अब किसी दूसरे को शुरू से मामला समझाऊंगा तो हो चुके बाकी काम मेरे . इसीलिए आकांशा को प्रेफेरंस है. एक tweet में काम हो जाता है, अमाउंट सही कराना हो तो वो भी पलक झपकते ही होता है... इतना कुछ है की “ आकांशा पुराण “ लम्बा चल सकता है. कभी इससे बात करके देखना, लगेगा ही नहीं की काम की बात हो रही है.. वो कहते हैं न “ informal style “ ( खैर आप लोग आकांशा का नाम पढ़ने के बाद जो सपने देख रहे हैं उससे जाग जाएँ ) . यह तो चलता ही रहेगा.

अब जिनका नाम है वो है तो एक टीम का हिस्सा और उसमें और भी लोग हैं मगर उनसे ही काम पड़ता है – प्रियंका. यह Mails झेलती हैं. जैसे Forensic Experts सबूतों को संभाल कर रखते हैं वैसे ही कुछ ऐसा ही काम है. दुनिया भर के बवाल भेजने पड़ते हैं मेल्स पे. आकांशा के शब्दों में यह Mail Queen हैं. यार हर किसी को किसी न किसी चीज़ में महारथ हासिल है यहाँ.

Representative image only..
“ मम्मी , कल उसने मुझे मारा”...

“ कोई बात नहीं बेटा, अपनी टीचर को बता देना जब वो ऐसा करे “

“ टीचर , टीचर ...यह मुझे मार रहा है “.....

ये ही होता है जब बच्चा स्कूल में धुलाई होने पर स्कूल टीचर के पास शिकायत ले कर जाता है.. 

अब इसका दूसरा version यह है -

“ स्वाति , कहाँ हो ? अरे देखो न यह कंपनी क्या मुसीबत किये हुए है... सही कैशबैक भी decline कर दे रही है . क्या मुसीबत है इसके साथ ? रुला रखा है . प्लीज कुछ करो न “.

“ मैं पर्सनली इस मामले को देख रही हूँ”...

कुछ इसी तरह मैं स्वाति की जान खाता हूँ. कुछ 1-2 sites ऐसी ही हैं जो काम करने में महा लीचड़ हैं, भले ही बड़े नाम हैं. हम भी स्कूल के बच्चे की तरह शिकायत ले कर पहुँच जाते हैं अपना दु:खड़ा लेकर और वो सुनती भी है और जवाब भी देती है . जिनको नहीं पता – स्वाति co founder है. 

तो खुद सोचो की कितने लफड़े होते हैं ऑनलाइन खरीददारी में अगर आप कैशबैक के द्वारा कर रहे हैं. इतने screenshots भेज चुका हूँ की लगता है किसी दिन अपने आप ही MS Paint एक्सपर्ट बन जाऊँगा. कभी कभी transactions इतने ज्यादा हो जाते हैं कि वो quarter ending वाली फील आ जाती है. इतना हिसाब किताब तो मैंने अपनी पूरी ज़िन्दगी में एकाउंट्स में नहीं पढ़ा जितना इन कुछ सालों में यहाँ कर लिया. कभी कभी कोई कंपनी कैशबैक मना कर देती है तो सच में केजरीवाल वाली विरोध प्रदर्शन वाली आत्मा आ जाती है. "हम इसका विरोध करते हैं , हमारे पास सबूत है की transaction हुआ था ". Cashkaro वालों के RTI फाइल करने से पहले ही अपनी मेल ISIS के ठिकाने पर एक अमेरिकी मिसाइल से भी पहले पहुँच जाती हैं. 

तो समझ गए न की अपनी हालात ऊँट वाली कैसे हो गयी ? इस तम्बू बम्बू में झमेले हैं मगर इस तम्बू बम्बू की ऐसी आदत लगी है की क्या करें ???...


ऐसा है की यह पढ़ने के बाद यह न सोचना की यह सब लिखने के लिए किसी ने या कंपनी ने मुझे कहा है ... मेरी ऐसी दिमागी खुराफातें सिर्फ मेरे दिमाग के कहने पे चलती हैं.. दिमाग घूम गया तो कुछ भी लिख सकता हूँ या फिर राष्ट्रपति तक कहने के बावजूद कुछ भी नहीं... पढ़ें और लुफ्त लें बस...

अगर आप यह सोच रहे हैं की मैंने पहले क्या लिखा था तो यह पढ़ें : 

Cashback : तम्बू में ऊँट वाली हालत .... हाय राम.. Cashback : तम्बू में ऊँट वाली हालत .... हाय राम.. Reviewed by Shwetabh on 2:13:00 PM Rating: 5

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