Shwetabh
10:45:00 AM
कुछ तुम हो, कुछ मैं हूँ ..कुछ तुम्हारा ख्याल सा है कुछ यह रात की ख़ामोशी, कुछ अपनी तन्हाई है कुछ यह सर्द रात और कुछ तुम्हार...
कुछ.....
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